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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – हिंदी

275.00

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना सन 1925 में हुई। डॉ. केशव बळीराम हेडगेवार ने नब्बे वर्ष पहले बोये हुए बीज का रूपान्तरण अब एक विशाल वटवृक्ष में हो चुका है। इस वटवृक्ष की शाखाएँ कितनीं, पत्ते कितने इसकी गिनती करना मुश्किल है। लेकिन यह संगठन भारतीय जनमानस में बहुत ही दृढ़तापूर्वक अपनी जड़ें फ़ैलाकर समर्थ रूप में खड़ा है और वटवृक्ष की ही गति एवं शैली में विकास कर रहा है। केवल देश में ही नहीं, बल्कि जहाँ कहीं भी भारतीय हैं, उन सभी देशों में संघ कार्यरत है ही। इतना ही नहीं, बल्कि विदेशस्थित भारतीयों को अपने देश के साथ, संस्कृति के साथ दृढ़तापूर्वक जोड़कर रखनेवाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यह मात्र एक संगठन नहीं, बल्कि परंपरा बन चुका है।

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રાષ્ટ્રીય સ્વયંસેવક સંઘ – ગુજરાતી

275.00

૧૯૨૫ની સાલના દશેરાના શુભદિને રાષ્ટ્રીય સ્વયંસેવક સંઘ ની સ્થાપના થઈ. ડૉ. કેશવ બળીરામ હેડગેવારજીએ નેવું વર્ષ પૂર્વે જેનું બીજારોપણ કરેલું એ વટવૃક્ષની આજે કેટકેટલી શાખાઓ વિસ્તરી છે, એના જે વિધવિધ પર્ણો પલ્લવિત થયાં છે એની ગણતરી કરવી કઠિન છે. પરંતુ આજે ભારતીય જનમાનસમાં આ સંગઠનના મૂળ ઊંડે સુધી વિસ્તરેલાં છે અને એ પણ સમર્થ અને સશક્તપણે અને આજે આ સંગઠન વટવૃક્ષની ગતિ અને શૈલી પ્રમાણે વિકાસ કરી રહ્યું છે. આ સંગઠનનો પ્રસાર માત્ર ભારત પૂરતો જ મર્યાદિત નથી રહ્યો પણ પરદેશમાં સુધ્ધાં જે જે સ્થળે ભારતીય વસેલ છે ત્યાં ત્યાં એની છાયા વિસ્તરી છે. સંઘની વિદેશમાંની શાખાઓ વિદેશવાસી ભારતીયોને પોતાની માતૃભૂમિ સાથે, મૂળભૂત સંસ્કૃતિ સાથે મજબૂત રીતે સાંકળી રાખનારી એક કડીરુપ છે. રાષ્ટ્રીય સ્વયંસેવક સંઘ એક સંસ્થા માત્ર નથી, એ સ્વદેશ સાથે સંયોજન કરનારી જીવનદોર છે! પરંપરા છે!

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The Third World War – English

250.00

The subject of this book is not merely terrorism or anti-terrorism war based on the study of events that have occurred till now; it is a reflection over the possibilities that will unravel in the times to come. There is no doubt that over the next twenty to twenty-five years, conflict will become an aspect of everyday doings and in every region on earth. This is not telling the future. This is a study, a study of history and of the present circumstances…

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तृतीय महायुद्ध – हिंदी

250.00

तीसरा सह्स्त्रक शुरु होते – होते ही अर्थात ११ सितम्बर २००१ से विश्व का हर एक राष्ट्र अपनी अपनी रक्षा एवं भविष्याकालीन राजनीतिक रवैयों का नये से पुनर्विचार करने लगा। विश्व के अधिकतर प्रमुख राष्ट्रों को आतंकवादी चेहेरे की अच्छी खासी पहचान ईससे पूर्व ही हो चुकी थी। अमरिका एवं रशिया ने तो आतंकवादी संगठनों को प्रोत्साहित कर एक दुसरे के खिलाफ़ ऊनका ईस्तेमाल भी किया था।

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Textbook of Disaster Management – English

250.00

Going by the increasing trend of disasters happening around us be its natural or manmade, it would, in due course of time, become incumbent upon every citizen of this country to be aware of how to respond to and handle disasters. This textbook facilitates this.

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मैंने देखे हुए बापू – हिंदी

250.00

सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू एक हरफनमौला एवं विशेष पहलुओं से परिपूर्ण अद्वितीय व्यक्तित्व हैं! इस असाधारण व्यक्तित्व का अवलोकन करने के प्रयास के रूप में, ’दैनिक प्रत्यक्ष’ के सन २०१२ एवं २०१३ के ’नववर्ष विशेषांक’ ’मैंने जाना हुआ बापू’ इस विषय पर आधारित थे। बापूजी के शालेय जीवन से लेकर वैद्यकीय प्रैक्टिस के दौर में कई लोग उनके सान्निध्य में आए। ऐसे, बापूजी के सान्निध्य में आए हुए कई लोगों की, अनिरुद्धजी के विभिन्न पहलुओं को दर्शानेवाली, उस दौर की उनकी यादें शब्दांकित की गई थीं। इसके अलावा कुछ गिनेचुने व्यक्तित्वों की, नजदीकी दौर की यादों का भी उनमें समावेश किया गया था। बापूजी के अनोखे व्यक्तित्व पर रोशनी डालनेवाले ’दैनिक प्रत्यक्ष’ के वे दोनों अंक अविस्मरणीय साबित हुए थे।

इन सारे लेखों का संकलन किया हुआ ’मैंने जाना हुआ बापू’ नामक पुस्तक सन २०१७ में गुरुपूर्णिमा के शुभ दिन प्रथम मराठी एवं हिन्दी इन दो भाषाओं में प्रकाशित की गई। इसके बाद बहुत जल्द अंग्रेजी में भी यह पुस्तक प्रकाशित किया गया।

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