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मैंने देखे हुए बापू – हिंदी

सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू एक हरफनमौला एवं विशेष पहलुओं से परिपूर्ण अद्वितीय व्यक्तित्व हैं! इस असाधारण व्यक्तित्व का अवलोकन करने के प्रयास के रूप में, ’दैनिक प्रत्यक्ष’ के सन २०१२ एवं २०१३ के ’नववर्ष विशेषांक’ ’मैंने जाना हुआ बापू’ इस विषय पर आधारित थे। बापूजी के शालेय जीवन से लेकर वैद्यकीय प्रैक्टिस के दौर में कई लोग उनके सान्निध्य में आए। ऐसे, बापूजी के सान्निध्य में आए हुए कई लोगों की, अनिरुद्धजी के विभिन्न पहलुओं को दर्शानेवाली, उस दौर की उनकी यादें शब्दांकित की गई थीं। इसके अलावा कुछ गिनेचुने व्यक्तित्वों की, नजदीकी दौर की यादों का भी उनमें समावेश किया गया था। बापूजी के अनोखे व्यक्तित्व पर रोशनी डालनेवाले ’दैनिक प्रत्यक्ष’ के वे दोनों अंक अविस्मरणीय साबित हुए थे।

इन सारे लेखों का संकलन किया हुआ ’मैंने जाना हुआ बापू’ नामक पुस्तक सन २०१७ में गुरुपूर्णिमा के शुभ दिन प्रथम मराठी एवं हिन्दी इन दो भाषाओं में प्रकाशित की गई। इसके बाद बहुत जल्द अंग्रेजी में भी यह पुस्तक प्रकाशित किया गया।

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Know The Author

"This book is a compilation of various memories related to Bapu (Dr. Aniruddha D. Joshi also fondly known as Sadguru Aniruddha Bapu) stretching from his school days to his days of medical practice. These are memories of Bapu's teachers, his batchmates, his friends, his neighbours, his patients and their families, i.e. of those who have had close interaction with Bapu, of those who have known him and have had a glimpse into or have been witness to his remarkable, in fact amazing and extraordinary personality. "